पाकिस्तान ने चाइनीज करेन्सी और लैंग्वेज को आधिकारिक मान्यता देकर अपनी बरबादी के ताबूत मे एक कील और ठोक दी……. अब चाहकर भी वो इन कीलों को निकालकर खुद को पुनर्जीवित नही कर सकते….
खैर अब पाकिस्तानी अल्लाह हो अकबर के बजाय चीनी भाषा मे ” चिंग सु पों ” बोलेंगे !!????
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