रतन लाल: बेटा क्या बात है, क्यों उदास बैठे हो।
बेटा: कुछ नहीं डेड।
रतन लाल: देख बेटा, तेरी इंजीन्यरिंग का final year है, placement भी हो गया है, अगले साल से नौकरी पर भी जाने लगेगा। अब हम दोनों मे दोस्तों सा रिश्ता होना चाहिए।
चल बता एक दोस्त की तरह मुझे, अपनी problem.
बेटा: छोड़ो पापा, मुझे कभी कोई अच्छा दोस्त नहीं मिला, आप क्या बनोगे।
रतन लाल: मैं बनूँगा बेटा, तेरा अच्छा और सच्चा दोस्त, promise.
बेटा: क्या बताऊँ यार रत्तु, मेरे सारे दोस्त कमीने निकले।
रतन लाल: क्यों, क्या हुआ?
बेटा: यार रत्तु, तू मेरी GF रजनी को तो जानता है।
रतन लाल: हाँ, सुंदर लड़की है। तो।
बेटा: यार पहले तो सारे कमीने इस बात पे झगड़ते थे कि रजनी उनकी setting है। अब सारे कहते हैं वो सिर्फ मेरी setting है।
रतन लाल: तो इस मे upset होने की क्या बात है, अब तो वो मान गए न कि वो तेरी setting है।
बेटा: छोड़ यार, सच सुनेगा तो तू तुरंत दोस्त से बाप बन जाएगा और तू भी भाभी की तरह बदल जाएगा।
रतन लाल: भाभी कौन?
बेटा: तेरी बीबी और कौन।
रतन लाल: (खून के घूट पीते हुए) तू बता हरामी।
बेटा: पता नहीं किस से, पर… … …
रजनी माँ बनने वाली है…
बेटा multiple fractures के साथ अस्पताल मे है
और रतन लाल पगलखाने मे
????????????????
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