हवा की लहर बनकर, तू मेरी खिडकी न खटखटा.
मैं बन्द कमरे में बैठा हूँ…. तूफान से सटा
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यहां कवि गर्लफ्रैंड को बता रहा है मिस काॅल मत देना, बीवी पास बैठी है.
हवा की लहर बनकर, तू मेरी खिडकी न खटखटा.
मैं बन्द कमरे में बैठा हूँ…. तूफान से सटा
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यहां कवि गर्लफ्रैंड को बता रहा है मिस काॅल मत देना, बीवी पास बैठी है.
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