ये जो
कुल्फी खाते हुये
एक हंथेली
कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना
इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने मोह बताया है.
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Or
और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हैं
इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने लोभ कहा है
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और डण्डी फेकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,
इसे गीता मे ईष्या कहा गया है, ☺????????????????
और कुल्फी खतम होने से पहले डऩ्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है…. ???? इसे ही गीता मे क्रोध कहा है ????
और इसे पढ़कर जो हसी आती है उसे मोक्ष कहते है ????
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