पत्नियाँ चाहे 95 मिनट तक
अपनी मम्मी से बात कर लें ….
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लेकिन अंत मे एक बात ज़रूर बोलती हैं,…..
“ठीक है मम्मी …. फ़्री होकर बात करती हुँ”????
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और उनकी माँ सोचती हैं ….
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“पता नहीं बेटी को कितना काम करना पड़ता है,
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बेचारी २ मिनट भी चैन से बात नहीं कर पाती”.