कितने आश्चर्य की बात है की जिस भारत वर्ष ने पूरी दुनिया को सभ्यता सिखाई उसी भारत में आज सेंट पॉल, सेंट थॉमस, सेंट रेफ़ल्स, सेंट मरिनो, सेंट मेरी और सेंट उम्र के नाम से स्कूलो की भरमार है |
इन स्कूलो में आपको छोटी स्कर्ट वाली लडकिया जरूर देखने को मिल जायेगी ,,,
मुझे आजतक समझ नही आया की विद्या का मंदिर भी अब अंग प्रदर्शन का गढ़ क्यू बनता जा रहा हे ,,
वेसे क्या आपने कभी विदेशो में संत रविदास, संत रामदास, संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत जनाबाई, संत एकनाथ के नाम से शिक्षण संस्थाएं देखी ?
भारत में ही इनके नाम से स्कूल नहीं है |
खैर छोड़िये इनके नाम ही आज की पीढ़ी को पता नहीं है और जिन्हें पता है उन्होंने इनसे कोई शिक्षा नहीं ली | इसे कहते हैं विडम्बना | ???? ???? ????
देश का दुर्भाग्य
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