रंग से गोरी न थी ,
लेकिन सुन्दर थी ,
‘
‘
बहुत ऊंची न थी ,
लेकिन मेरे लिए योग्य थी ,
प्रेम देने वाली न सही लेकिन
मेरे कदमो से कदम मिलती थी।
,
,
,
मंदिर आने से इनकार करती थी,
लेकिन बाहर मेरा इंतज़ार करती थी
,
,
कही भी जाओ मेरे साथ चल देती थी
जहां रूकु मेरे लिए रूक जाती थी वो ….
,
,
कोई मुझे प्यार करे न करे पर वो मुझे बहुत प्यार करती थी
,
,
बड़ी मेहनत से पाया था उसे
बहुत चक्कर लगाया था उसे पाने के लिए
,
,
हजारो की भीङ से ढूढा था अपने लिऐ
घरवालो की नाराजगी झेलकर अपनाया था
,
वो जो हमेशा मेरे साथ रही
,
,
पर आज मुझे छोड़कर चली गयी
,
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,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
,
मेरी चप्पल थी ….
साला कोई चुरा कर ले गया !!
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