आज सब्जी लेने गया तो सब्जी वाले ने
बड़ी बारीकी से सब्जी तोल कर दी।
मुझ से रहा नहीं गया तो सब्जी वाले से कहा
“कमाल है भाई,”
तुम तो सब्जी ऐसे तोल रहे हो
“जैसे कि सुनार हो”
सब्जी वाला बोला!!
“भाई, अब रुलाएगा क्या ?
“मैं सुनार ही हूं,”
“दुकान बंद है”
“तो ये धंधा कर रहा हूँ”
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