Teacher Student Funny Jokes
Teacher: A B C सुनाओ..
संता: A B C
Teacher: और सुनाओ…
संता: और सब बढियां, आप सुनाओ!
अध्यापक: “भाईचारा” शब्द का प्रयोग करते हुए कोई वाक्य बनाओ।
चिंटू :
मैंने दूध वाले से पूछा,
तुम दूध इतना महंगा क्यों बेचते हो
तो वह बोला भाई चारा महंगा हो गया है।
दे थप्पड़ दे थप्पड़ …
पप्पू का बेटा,
ऐसी तस्वीर बनाता कि लगता मानो
तस्वीर जिन्दा है.!!
मास्टर जी ने,
पप्पू को फोन किया – ..आपका बेटा
बड़ा शैतान है ..!!
आज उसने क्लासरूम की
जमीन पे 1000 रूपये के नोट की हूबहू
फोटो बना दी..उसे उठाने के चक्कर में मेरे
नाख़ून टूट गए..इसे समझाते क्यों नहीं..?
पप्पू – ..मास्टरजी ..मैं खुद ICU से
बोल रहा हूँ..पगले ने कल बिजली के
सॉकेट पे केटरीना बना दी थी..!!
होंठ जल गए करेंट से.!!
Chhote Gaanv ka ek Bevkoof Bachcha – Funny WhatsApp Message
मोरक्को के छोटे से गावं में एक बच्चा हामिद रहता था…
उसके स्कूल के बच्चे उसको हमेशा “उल्लू”
बोलकर चिढाते थे
और
उसकी टीचर उस की
बेवकूफियों से हमेशा बहुत परेशान रहती थी..
एक दिन उसकी माँ उसका रिजल्ट जानने उसके
स्कूल गयी और टीचर से हामिद के बारे में पूछा..
टीचर ने कहा कि “अपने जीवन के पचीस साल के
कार्यकाल में उसने पहली बार ऐसा बेवकूफ लड़का देखा है,
ये जीवन में कुछ न कर पायेगा”
यह सुनकर हामिद की माँ बहुत आहात हो गयी
और
उसने शर्म के मारे वो गाँव छोड़कर
एक शहर में चली गयी हामिद को लेकर..
बीस साल बाद जब उस टीचर को दिल की बिमारी हुई
तो सबने उसे शहर के एक डॉक्टर का नाम सुझाया
जो ओपन हार्ट सर्जरी करने में माहिर था..
टीचर ने जा कर सर्जरी करवाई और ऑपरेशन कामयाब रहा..
जब वो बेहोशी से वापस आई और आँख खोली
तो
टीचर ने एक सुदर और सुडौल नौजवान डॉक्टर को
अपने बेड के बगल खड़े हो कर मुस्कुराते हुवे देखा..
वो टीचर डॉक्टर को शुक्रिया बोलने ही वाली थी
अचानक उसका चेहरा नीला पड़ गया..
और
जब तक
डॉक्टर कुछ समझें समझें.. वो टीचर मर गयी..
डॉक्टर अचम्भे से देख रहे थे और समझने की
कोशिश कर रहे थे की आखिर हुवा क्या है..
तभी वो पीछे मुड़े और देखा कि हामिद,
जो की उसी अस्पताल में एक सफाई कर्मचारी था,
उसने वेंटीलेटर का प्लग हटा के
अपना वैक्यूम क्लीनर का प्लग लगा दिया था..
अब अगर आप लोग ये सोच रहे थे कि हामिद
डॉक्टर बन गया था..
तो इसका मतलब ये है की आप
हिंदी/तमिल/तेलुगु फ़िल्में बहुत ज्यादा देखते हैं..
या फिर बहुत ज्यादा प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं..
हामिद उल्लू था और उल्लू ही रहेगा!!
कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा:
पढ़ाई कैसी चल रही है?
उसका जवाब आया
अंकल,
समंदर जितना सिलेबस है;
नदी जितना पढ़ पाते हैं;
बाल्टी जितना याद होता है;
गिलास भर लिख पाते हैं;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
उसी में डूब कर मर जाते हैं।
पप्पू की हुई मास्टर से लड़ाई
मास्टर ने की पप्पू की पिटाई
पप्पू का गरम हुआ खून..
गया कब्रिस्तान और मास्टर की,
फोटो टांग के लिख दिया
COMING SOON!!
टीचर: 1 से 10 तक गिनती सुनाओ।
संता: 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10..
टीचर: 6 कहां है ?
संता: जी वो तो मर गया।
टीचर: मर गया? कैसे मर गया???
संता: जी मैडम, आज सुबह टीवी पर न्यूज में बता रहे थे कि स्वाईन फ्रलू में 6 की मौत हो गई ! ? ?
अध्यापक : बच्चों, रामचंद्र ने समुन्द्र पर पुल बनाने का निर्णय लिया ।
पप्पू : सर मैं कुछ कहना चाहता हूँ।
अध्यापक : कहो बेटा ।
पप्पू : रामचन्द्र का पुल बनाने का निर्णय गलत था ।
अध्यापक : वो कैसे ?
पप्पू : सर उनके पास हनुमान थे जो उड़कर लंका जा सकते थे । तो उनको पुल बनाने की कोई जरुरत ही नही थी ।
अध्यापक : हनुमान ही तो उड़ना जानते थे बाकि रीछ और वानर तो नही उड़ते थे ।
पप्पू : सर वो हनुमान की पीठ पर बैठकर जा सकते थे । जब हनुमान पूरा द्रोणागिरी पहाड़ उठाकर ले जा सकते थे, तो वानर सेना को भी तो उठाकर ले जा सकते थे ।
अध्यापक : भगवान की लीला पर सवाल नही उठाया करते नालायक।
पप्पू : वैसे सर एक उपाय और था।
अध्यापक : (गुस्से में) ..क्या ?
पप्पू : सर हनुमान अपने आकार को कितना भी छोटा बड़ा कर सकते थे, जैसे सुरसा के मुँह से निकलने के लिए छोटे हो गए थे और सूर्य को मुँह में देते समय सूर्य से भी बड़े.. तो वो अपने आकार को भी तो समुन्द्र की चौड़ाई से बड़ा कर सकते थे और समुन्द्र के ऊपर लेट जाते । सारे बंदर हनुमान जी की पीठ से गुजरकर लंका पहुँच जाते और रामचंद्र को भी समुन्द्र की अनुनय विनय करने की जरुरत नही पड़ती ।
वैसे सर एक बात और पूछूँ ?
अध्यापक : पूछो ।
पप्पू : सर सुना है । समुन्द्र पर पुल बनाते समय वानरों ने पत्थर पर “राम” नाम लिखा था.. जिससे वो पत्थर पानी पर तैरने लगे थे ।
अध्यापक : हाँ तो ये सही है ।
पप्पू : सर सवाल ये है, बन्दर भालुओं को पढ़ना लिखना किसने सिखाया था ?
अध्यापक : हरामखोर पाखंडी, बंद कर अपनी बकवास और मुर्गा बन जा ।
पप्पू : सर सदियोंसे हम सब मूर्ख बनते आ रहे हैं.. चलो आज मुर्गा बन जाता हूँ..!!
अध्यापक: बताओ बच्चो हमारी पृथ्वी किसका चक्कर लगाती है?
संता: – “सूर्य का”
अध्यापक:
बहूत अच्छा बेटे,
और हमारी पृथ्वी का चक्कर कौन लगाता है?
सारे विधार्थी एक साथ: नरेंद्र मोदी!!
टीचर:- एक तरफ पैसा,
दुसरी तरफ अक्कल, क्या चुनोगे ?
विद्यार्थीः पैसा.
टीचर:- गलत, मै अक्कल चुनती
विद्यार्थीः- आप सही कह रही हो मेडम,
जिसके पास जिस चीज की कमी होती है वो वही चुनता है ……………
दे थप्पड़ दे थप्पड़.
छात्र (भगवान से):
हज़ारो की किस्मत तेरे हाथ है,
अगर पास करदे तो क्या बात है!
परीक्षा के बाद …
भगवान:
गर्लफ्रेंड थोड़ी कम पटाता तो क्या बात थी,
किताबे तो सारी तेरे पास थी ?
गाँव के एक विद्यालय से….
अध्यापक: 15th अगस्त को हमे क्या मिली थी ?
छात्र: माड़साहब….”नुक्ति”
……….
अगर सही जवाब आपको भी नह पता,
तो मैं बताता हूँ!
– आज़ादी
टीचर छात्र से:
आयात और निर्यात का एक अच्छा सा उदाहरण बताओ.
छात्र:
सोनिया गांधी और सानिया मिर्ज़ा..
टीचर:
तुम्हारे चरण कहाँ हैं बेटा ।
हिंदी का पीरियड था..
मास्टर ने पूछा:
कविता और निबंध मैं क्या अंतर है
स्टूडेंट:
प्रेमिका के मुंह से निकला एक शब्द भी कविता होता है
और
पत्नी का एक ही शब्द निबंध के समान होता है
मास्टर के आंख मैं आंसू आ गए,
गला भर आया..
उन्होने उस लड़के को क्लास का मानीटर बनाया ।
अच्छे और बहुत अच्छे टीचर में अंतर:
अच्छा टीचर वो है जो परीक्षा में आपको कड़ी मेहनत की सलाह दे…
और बहुत अच्छा टीचर वो है, जो आपको परीक्षा के वक़्त कहे..
“कंजरों, पर्चियां चाब जाओ, फ्लाइंग आ गयी”!
छुट्टी कै लाने आबेदन पत्र……
सेवा मे..
श्रीमान मास्साब..
माध्मिक पाठशाला बुंदेलखंड
माहानुभव,
तो मस्साब ऐसो है कि दो दिना से चड़ रओ है जो बुखार और उपर से जा नाक बह रई सो अलग || जई के मारे हम सकूल नई आ पाहे सो तमाए पाऊ पर के निवेदन आए कि दो-चार दिना की छुट्टी दे देते, तो बडो अछछो रहतो और अगर हम नई आये तो कोन सो तमाओ सकूल बंद हो जै |||||||
तुमाओ
आग्याकारी शिष्य,
“कलुआ”
टीचर:
जिसको सुनाई नहीँ देता उसको क्या कहेँगे ?
शिष्य:
कुछ भी कह दो साले को!
कौनसा सुनाई देता है!!
छात्र से टीचर ने पूछा बताओ एक साल में कितनी रात्रि होती हे..
छात्र– 10 रात्रि
टीचर — 10 कैसे
छात्र- 9 नवरात्री ओर 1 शिवरात्रि.
टीचर अभी तक कोमा में हे।
शरारती बच्चा: मास्टरजी एक सवाल पूछें
मास्टर जी: हाँ हाँ पूछो।
बच्चा: हाथी को फ्रीज में कैसे रखेंगे?
मास्टरजी: बेवकूफ, हाथी फ्रीज में नहीं जा सकता है ।
बच्चा:
मास्टरजी फ्रीज बहुत बड़ा है,
पहले फ्रीज खोलेंगे और हाथी को अंदर डाल देंगे
बच्चा: एक सवाल और पूछूँ ।
मास्टरजी: हाँ हाँ पूछो ?
बच्चा: गधे को फ्रीज में कैसे रखेंगे ?
मास्टरजी: पहले फ्रीज खोलेंगे और गधे को उस में रख देंगे ।
बच्चा:
गलत जवाब,
पहले हाथी को बाहर करेंगे
फिर गधे को फ्रीज में रखेंगे
बच्चा: एक सवाल और पूछूँ?
मास्टरजी: हाँ हाँ पूछो ।
बच्चा:
बंदर के जन्मदिन की पार्टी में सभी जानवर एवं जीव-जन्तु आए
परन्तु एक जानवर नहीं आया ।
उसका नाम बतलायें ?
मास्टरजी : शेर नहीं आया होगा क्योंकि वह आता तो सभी को खा जाता !
बच्चा :
फिर गलत जवाब,
गधा पार्टी में नहीं आया
क्योंकि गधे को तो हमने फ्रीज में बंद कर दिया था
बच्चा: एक सवाल और पूछूँ ?
मास्टरजी: (गुस्से से) बोल हरामजादे ।
बच्चा: रास्ते में एक नदी है
जिसमें एक खतरनाक मगरमच्छ रहता है एवं
उस नदी के ऊपर आने-जाने के लिए पुल भी नहीं है,
आप नदी कैसे पार करोगे ?
मास्टरजी: मैं नाव लेकर नदी पार करूंगा !
बच्चा: फिर गलत जवाब ।
मास्टर: बोल, कैसे ?
बच्चा: मास्टरजी इतनी जल्दी नाव कहाँ से आपको मिलेगी,
तबतक तो आप नदी तैरकर भी पार कर लोगे ।
मास्टर: मगरमच्छ से तेरा बाप बचाएगा ?
बच्चा:
मास्टरजी! आपकी इतनी फटती क्यों है?
आपको तो पता है कि सभी जीव-जानवर
बंदर की Birthday पार्टी में गए हुए हैं
तो मगरमच्छ नदी में कैसे आ जाएगा ? ?
मास्टरजी बेहोश हो गए
क्या अजीब संयोग है..
स्कूल में हाजिरी लेते लेते अचानक कलम रुक गयी.
लड़की का नाम था “परिधि व्यास”
मैने कहा:
क्या खूब “ज्यामितीय” नाम है !
बेटी… तुम्हारे पापा का नाम…..?
वो बोली : जी….”आधार” चंद्र व्यास ।
और मम्मी…..?
वो बोली : जी…..”त्रिज्या” व्यास ।
और भाई….?
वो बोली : जी “कर्ण” व्यास ।
फिर तो परिवार में “रेखा” और “बिंदु” भी होंगी ?
वो शरमाकर बोली, जी “दोनों” बुआजी हैं मेरी !!
एक क्लास में एक लड़की को सब बुआ-बुआ कहते थे…..✔
एक दिन इस की शिकायत ऊसने अपने टीचर से कर दी……
टीचर ने सब लडको से पूछा ….
जो लड़के इस को बुआ कहते है वो सभी खडे हो जाए…….
एक लड़के को छोड के सभी खडे हो गये…..
टीचर ने पुछा……क्या तुम इस को बुआ नहीं कहते हो …
लड़का बोला…… सर मु तो फूफाजी हूँ……..
एक बार प्राइमरी स्कूल में मास्टर जी गहरी नींद मे सो रहे थे
तभी कलेक्टर साहब आ गये
मास्टर जी पकडे गये
बहुत देर उठाने के बाद तब
मास्टर की नींद खुली और बोले
बच्चों कुंभकर्ण ऐसे सोता है
इसे कहते है गतिविधि आधारित शिक्षण…!
कलक्टर साहब सन्न….
मास्टर से बचकर रहना रे ….
मास्टर जी एक होटल में ख़ाली कटोरी में रोटी डुबो-डुबो कर खा रहे थे।
वेटर ने पूछा:
मास्टरजी ख़ाली कटोरी में कैसे खा रहे हैं?
मास्टर जी:
भइया, हम गणित के अध्यापक हैं।
दाल हमने ‘मान ली’ है।
अध्यापक: किसी ऐसी जगह का नाम बतायो जहां पर बहुत सारे लोग हों फिर भी तुम अकेला महसूस करो?
छात्र: परीक्षा कक्ष!
अध्यापक: बेहोश!
Kanpuriya Dhamaka Jokes.
टीचर (लड़के से) : “काहे बे… कल स्कूल काहे नहीं आए…..??”
लड़का : “काहे… कल जौ आये रहें… उनका कलेक्टर बना दिए हो का…??”
Sabse tez udne wala Haathi!
टीचर : “कौनसा पंछी सबसे तेज़ उड़ता है?
स्टूडेट : “सर, हाथी।
टीचर : “नालायक, तेरा बाप क्या करता है?
स्टूडेट : “दाउद के गैंग में ‘शूटर है।
टीचर : “शाबाश।
लिखो बच्चो ‘हाथी’।
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